इन 5 फूड के सेवन करने से नहीं आती बीमारी आप भी जानिए

वॉयस ऑफ बनारस।

विज्ञान के दौर में लोगों को पता चल जाता है कि किस चीज को खाने से कितना प्रोटीन मिलेगा लेकिन यह पहले किसी को पता नहीं होती थी फिर भी पहले ​लोग ताजा रहते थे। दुनिया को प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स जैसे तत्वों की जानकारी विज्ञान ने हाल ही में प्रदान की है।

मारे पूर्वजों की शक्ति का मुख्य कारण उनकी शारीरिक मेहनत और पोषण था जिनसे व इतेन ताकतवर बने रहते थे। वे लोग खाने में ताजा चीजों को महत्व दिया करते ​थे। आइए जानते है वे 5 फूड (Healthy Food All Time) जिनसे हमारे पूर्वजों को मिलती थी ताकत

इन 5 फूड के सेवन से मिलती है ताकत :

दूध

भारत में कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण व्यवसाय रहा है। इस कारण से, गाय और भैंस से प्राप्त दूध और उससे बने उत्पाद जैसे पनीर, छाछ और खोया का भरपूर सेवन किया जाता था। डेयरी उत्पाद स्वस्थ वसा, प्रोटीन, विटामिन बी12, विटामिन डी और कई अन्य पोषक तत्वों का स्रोत होते हैं। यह मस्तिष्क के लिए भी लाभकारी माना जाता है। हमारे पूर्वज नाश्ते में दूध (Healthy Food All Time) में रोटी भिगोकर सेवन करते थे।

हरी सब्जियांडॉक्टरों का मानना है कि हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इनमें आयरन, प्रोटीन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। हमारे पूर्वजों को साग का विशेष प्रेम था, जो पालक और सरसों जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों से तैयार किया जाता था।

ताजा फलआज भी यदि आप गांव-देहात में जाएं, तो आपको वहां के लोगों का पसंदीदा स्नैक फल मिल जाएगा। वे बेवक्त की भूख को इसी से शांत करते हैं। फलों (Healthy Food All Time) में विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। इससे बीमारियां अधिक परेशान नहीं कर पातीं।

दालअधिकतर घरों में अब मूंग, अरहर और मसूर जैसी दालों (Healthy Food All Time) का सेवन अधिक होता है। लोग उड़द और चना जैसी दालों को कम प्राथमिकता देते हैं। हालांकि, पहले सभी प्रकार की दालों का सेवन समान मात्रा में किया जाता था। कुछ दालें पचाने में थोड़ी भारी हो सकती हैं, लेकिन ये शरीर की ताकत बढ़ाने में सहायक होती हैं। आपको सप्ताह में एक बार मिश्रित दाल का सेवन अवश्य करना चाहिए।

मोटे अनाज की रोटीगेहूं की रोटी का प्रचलन इतना पुराना नहीं है। लगभग 50-60 वर्ष पूर्व, भारतीय लोग सप्ताह में 3 से 4 बार मोटे अनाज की रोटी का सेवन करते थे। यदि हम और पीछे जाएं, तो यह संख्या और भी अधिक हो जाती है। विज्ञान भी यह मानता है कि मोटे अनाज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो डायबिटीज के लिए लाभकारी है। ये अनाज प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और जिंक से भरपूर होते हैं, जो शरीर की कमजोरी को दूर करने में मदद करते हैं। आप बाजरा, मक्का, रागी, ज्वार और चने के आटे की रोटी का सेवन कर सकते हैं।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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