वॉयस ऑफ बनारस।
वाराणसी ग्लोबल कायस्थ कमेटी के तत्वाधान में दिनांक 3 नवंबर को प्राचीन श्री राम जानकी मंदिर रघुनाथ नगर महमूरगंज में स्थापित भगवान श्री चित्रगुप्त जी की जयंती मनाई गयी । चित्रगुप्त जयंती के अवसर पर मन्दिर में स्थापित भगवान लक्ष्मी नारायण, श्री राम दरबार, माता दुर्गा, माता गौरा, श्री राधा कृष्ण, भगवान कार्तिकेय,गरुण भगवान, माता अन्नपूर्णा, नर्मदेश्वर महादेव का श्रृंगार कर मन्दिर को भब्य रुप से सजाया गया था और मन्दिर में स्थापित सभी देव विग्रहों को छप्पन भोग लगाकर अन्नकूट किया गया,इस अवसर पर सुन्दरकाण्ड पाठ का भी आयोजन किया गया प्रसाद स्वरुप सभी भक्तों को कलम व माता अन्नपूर्णा जी का खजाना आचार्य प्रवीण तिवारी द्वारा वितरण किया गया और भगवान श्री चित्रगुप्त जी का पूजन व जनकल्याण हेतु यज्ञ आचार्य पवन तिवारी द्वारा किया गया पूजन व यज्ञ में यजमान शशिकांत श्रीवास्तव संस्थापक ग्लोबल कायस्थ कमेटी सपरिवार संग कामिनी, ज्योति, सपत्नीक राजेश श्रीवास्तव गुड्डू व अजीत श्रीवास्तव मन्त्री चित्रगुप्त सभा काशी रहे।
शशिकान्त श्रीवास्तव ने पूजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यम द्वितीया को भाई दूज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन यमराज और चित्रगुप्त महाराज की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता है कि भाई दूज यानी यम द्वितीया पर यमराज और चित्रगुप्त की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय और संकट खत्म हो जाता है। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यम का पूजन किया जाता है।यम द्वितीया पर व्यापार से जुड़े लोग कलमदावात की पूजा करते हैं। यम द्वितीया पर भाई अपनी बहिन के घर भोजन करते हैं, इसलिये यह ‘भइया दूज’ नाम से भी जाना जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार यम द्वितीया पर यमराज और चित्रगुप्त की पूजा भी की जाती है। दीपेन्द्र श्रीवास्तव व राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि यमराज और चित्रगुप्त की पूजा करने से न केवल सभी दुखों का नाश होता है बल्कि अकाल मृत्यु का भय व संकट भी टल जाता है।
आचार्य पवन तिवारी ने चित्रगुप्त जी की पूजा से पहले यमराज प्रीतये यम पूजनम् व्यवसाये व्यवहारे वा सकलार्थ सिद्धये मसिपात्रादीनां पूजनम् – भ्रातुरायुष्यवृद्धये मम सौभाग्यवृद्धये च भ्रातृपूजन करिणी।” का सभी भक्तों को संकल्प कराकर गणेश जी की पूजा किया उसके बाद भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज जी का आह्वान पूजन चंदन, अक्षत, फूल, फल, वस्त्र, धूप, दीप और नैवेद्य से करते हुए एक सादे कागज पर रोली-घी से स्वास्तिक बनवाया और उस पर अपना नाम, पता, तारीख और साल भर का खर्च भी भक्तों से लिखवाते हुए। प्रार्थनेयं गृहाणेमां नमस्ते राज्जमुद्रिके। श्रीरामजी ‘श्रीरामो जयति, गणपतिर्जयति, शारदायै नमः और लक्ष्यै नमः’ भी लिखकर कागज को मोड़कर भगवान चित्रगुप्त के चरणों में अर्पित कराने के पश्चात भब्य रुप से भगवान श्री चित्रगुप्त जी की आरती किया और सभी भक्तों ने भी किया पूजन कार्यक्रम में सर्वश्री अनिल श्रीवास्तव वरिष्ठ कांग्रेस नेता, शशिकान्त श्रीवास्तव, दीपेंद्र श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव गुड्डू , डा अरविन्द किशोर राय,रोशन श्रीवास्तव, सुनील श्रीवास्तव, निदेशक सृजन आई ए एस एकेडमी,सानू सिन्हा,हिमांशु श्रीवास्तव,प्रभु अस्थाना प्रभु अस्थाना, इंजीनियर सत्येंद्र श्रीवास्तव, आचार्य प्रवीण तिवारी , आचार्य पवन तिवारी, राजेश श्रीवास्तव उमेश श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, मधुकर श्रीवास्तव , कौशलेंद्र कुमार, मनीष वर्मा,रेखा श्रीवास्तव, विध्यांचल श्रीवास्तव, अजीत श्रीवास्तव, राजेश्वर श्रीवास्तव, शिवजी सिन्हा, आदि लोग उपस्थित रहे।