महिमा जासु नाम गनराऊ प्रथम पूजियत नाम प्रभाऊ प्रभु का प्रसाद बाटकर खाने से ही घर व समाज में खुशहाली आएगी.… आचार्य पंडित वेद प्रकाश मिश्रा कलाधर

वॉयस ऑफ बनारस।

वाराणसी।  लोहटिया बड़ा गणेश स्थित मंदिर में वार्षिक वृहत श्रृंगार और छप्पन भोग के अवसर पर श्रीरामचरित मानस में गणपति की महिमा पर संगीतमय राम कथा में अपने प्रवचन के दौरान पंडित वेद प्रकाश मिश्रा कलाधर काशी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने जब रामचरितमानस की रचना की तब प्रथम श्लोक में ही उन्होंने व अक्षर का प्रयोग करके ही श्री गणेश किया।

मानस के सप्तम सोपान का जो समापन है वह भी व अक्षर से ही है दह्यंति नो मानवाः इसीलिए वअक्षर कलयुग के प्रथम देवता विनायक का स्मरण कर मानव संसार का वर्ण व्यवस्था समझाने का उन्होंने सफल प्रयास भी किया इसीलिए भगवान शंकर व पार्वती ने अपने विवाह में भी गणपति की प्रथम पूजा करके ही आगे के सभी शुभ कार्यों को उन्होंने संपादित किया इस अवसर पर पूरा मंदिर परिसर तथा कथा स्थल गणपति बप्पा मोरया गणपति महाराज की जयकारे से गूंज उठा।

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