वॉयस ऑफ बनारस।
वाराणसी। श्री आर्य महिला हितकारिणी महापरिषद,श्री विश्वेश्वर ट्रस्ट सोसाइटी,श्री भारत धर्म महामंडल,महामाया ट्रस्ट समिति,श्री वेणी माधवपुर ट्रस्ट के संस्थापक पूज्यपाद महर्षि स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज के 75 वें निर्वाण दिवस पर विश्व कल्याणार्थ त्रि–दिवसीय 5100 श्री हनुमान चालीसा पाठ के पारायण के क्रम में प्रथम दिवस पर स्वामी जी एवं श्री हनुमान जी के पूजन एवं वैदिक ब्राह्मणों के पूजन के उपरांत श्री हनुमान चालीसा पाठ का पारायण शुरू हुआ ।
कार्यक्रम संयोजक सत्य नारायण पाण्डेय ,सेक्रेटरी श्री विश्वेश्वर ट्रस्ट सोसाइटी ने धर्मानुरागियों को संबोधित करते हुए बताया कि स्वामी जी ने संस्कृत,हिंदी,अंग्रेजी, बंगला आदि भाषाओं में लगभग 200 ग्रन्थ का प्रणयन किया, परन्तु उन्होंने किसी में अपना नाम नहीं दिया । सनातन धर्म के विश्व कोष के समान धर्म कल्पदुम नामक ग्रन्थ उन्होंने स्वयं प्रणयन किया ।उसमे अपने प्रिय शिष्य स्वामी दयानंद जी महाराज का नाम दिया । अंग्रेजी में वंडर्स इंटरनेशनल रिलिजन जिसका जर्मन भाषा में अनुवाद हुआ । उस पर भी स्वामी दयानंद जी महाराज का नाम दिया । लोकेषण स्वामी ज्ञानानंद जी को स्पर्श भी नहीं कर सकती थी । उनके निर्वाण दिवस पर श्री हनुमान चालीसा पाठ का पारायण किया जा रहा है । जिससे आतंकवाद, अशांति आपसी भाईचारे का अभाव जो विश्व में व्याप्त है,उससे विश्व में शांति स्थापना होगा । उनका नश्वर शरीर 28 जनवरी 1951 को शांत हो गया,परन्तु उनके विचार तथा उनके द्वारा स्थापित संस्थाएं संस्कारवान बनाने तथा भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के उन्नयन एवं विकास तथा नारी शिक्षा तथा समाज उत्थान के लिए अनवरत प्रयासरत है ।
कार्यक्रम में सर्वश्री प्रो0 प्यारे सिंह, के 0एन 0राय ,नवीन शर्मा,डॉ0 पी 0एस 0पाण्डेय,गोपाल नारायण पाण्डेय,शिव प्रसाद श्रीवास्तव,आचार्य अनिल तिवारी, पं0 मुरारी उपाध्याय,राकेश पाण्डेय,नीरज पाण्डेय आदि लोग उपस्थित रहे ।