एथलीट और पर्यावरणविद् वाटर वुमन शिप्रा पाठक ने सिंदूर का पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

वॉटर वुमन” शिप्रा पाठ नारी शक्ति की पर्याय– कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा।

स्पेस से लेकर दुनियां के प्रत्येक धारा में नारी शक्ति: वॉटर वुमन शिप्रा पाठक।

वॉयस ऑफ बनारस।

वाटर वुमन शिप्रा पाठक एक प्रसिद्ध भारतीय वॉटर स्कीइंग एथलीट हैं जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। आज पूर्वाह्न 11.30 बजे उन्होंने सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा जी के सरकारी आवास पर सिंदूर का पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन का संदेश दिया।

पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण–
शिप्रा पाठक ने पौधरोपण के दौरान महिलाओं को विभिन्न चुनौतियों को स्वीकार कर अपने मुकाम हासिल करने की प्रेरणा दी। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के महत्व पर प्रकाश डाला और युवाओं, महिलाओं के लिए एक अनूठा उदाहरण पेश करते हुए कहा कि नारी शक्ति स्पेस से लेकर दुनियां के प्रत्येक क्षेत्र में अपने उपस्थिति का संदेश देती आ रही हैं, अभी सिंदूर ऑपरेशन में नारी शक्ति के माध्यम से भारतीय सेना का नेतृत्व भी नारी शक्ति ने किया।ऐसे ही इतिहास के साथ-साथ वर्तमान में खेलों, राजनीति, अर्थतंत्र चलाने की शक्ति भी नारी के पास है। काशी में स्थित आज देववाणी संस्कृत के संरक्षण के लिए स्थापित प्राच्यविद्या के इस धरा पर आने का गौरव प्राप्त हुआ, जहाँ पौधरोपण कर इसमें छिपी विभिन्न संस्कृतियों एवं गुण युक्त तत्वों के बारे में राष्ट्र को बताने का संदेश देती हूं, पर्यावरण संरक्षण से लेकर ,औषधि आदि के गुण भी निहित हैं।
कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति को महत्व देते हुए माँ की संज्ञा दी गई है। उन्होंने नारी शक्ति के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करने वाली देवियों और स्त्रियों का उल्लेख किया, जैसे कि दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, पार्वती, सीता, राधा और सावित्री आदि हैं, आज महिलाएं एवरेस्ट, अंतरिक्ष और सेना में पायलट के रूप मे अपने कीर्तिमान स्थापित करते हुए खेल, राजनीति में भी अपनी प्रतिभा को प्रतिष्ठित किया है उन्हींमें से एक नाम प्रसिद्ध भारतीय वॉटर स्कीइंग एथलीट शिप्रा पाठक का है जिन्होंने हज़ारों किलोमीटर की पदयात्रा कर नदियों को संरक्षित करने के विभिन्न आयामों पर कार्य किया है।प्लास्टिक मुक्त बनाने के संकल्प के साथ देशभर मे 25 लाख से अधिक वृक्षारोपण किया है।
ऐसी प्रेरणादायी शक्ति स्वरूपा वॉटर वुमन पाठक जी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित विचार से आज इस परिसर में पौधरोपण कर पर्यावरण के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला, साथ ही सभी युवाओं के प्रति समर्पण का संदेश दिया।जो कि स्वंय नारी शक्ति की पर्याय हैं।
वाटर वुमन शिप्रा पाठक की प्रेरणादायक कहानी
शिप्रा पाठक की कहानी उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने साबित किया है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रतिभा के साथ कोई भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।वाटर वुमन शिप्रा पाठक एक सच्ची एथलीट और पर्यावरणविद् हैं।
वाटर वुमन शिप्रा पाठक एक प्रमुख भारतीय वॉटर स्कीइंग एथलीट हैं,जिन्होंने शिप्रा पाठक यूपी के बदायूं जिले की दातागंज की रहने हैं। इन्होंने रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से इंग्लिश से MA करने के बाद MBA की पढ़ाई की। पुणे में टेलिकॉम कंपनी में नौकरी भी की,  लेकिन नौकरी उन्हें नहीं पसंद आई। नौकरी छोड़कर भगवान श्रीराम के मार्ग पर निकल पड़ीं। सारा जीवन नदियों और जंगलों को बचाने का फैसला लिया है। उनके इसी फैसले और प्रयासों के कारण उन्हें वाटर वुमेन के नाम से जाना जाता है।
उस दौरान प्रकाशन संस्थान के निदेशक डॉ पद्माकर मिश्र,भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय,लखनऊ के संकाय प्रमुख प्रो• हरिशंकर सिंह सहित विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने सहभाग किया।

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