वॉयस ऑफ बनारस।
वाराणसी। जैतपुरा स्थित मद्धेशिया धर्मशाला में चल रहे भागवत कथा के छठवें दिवस पर सत्संग की महिमा की चर्चा करते हुए आपने कहा कि संसार के आवागमन से मुक्ति का मार्ग ही भगवत चर्चा एवं धार्मिक आयोजन कर प्रभु का कार्य करने वाले भक्त का सदैव प्रभु ध्यान ही नहीं बल्कि कल्याण भी करते हैं इसलिए जीव को अपने दैनिक कार्यों को करते हुए स्पूनीत कार्यों को करते रहना चाहिए इससे आपका लोक एवं परलोक भी दोनों संवर जाएगा।
कथा के अंत में रुक्मणी विवाह की विस्तृत चर्चा करते हुए आपने कहा की प्रभु सदैव अपनों की अपने भक्तों की रक्षा एवं उनका मान बढ़ाने के लिए सदैव तैयार रहते हैं तथा इस घोर कलयुग में भी प्रभु सर्वत्र व्याप्त हैं।
कथा के अंत में काशीनाथ से राजेश कुमार भैया लाल रामलाल कन्हैयालाल बाबा प्रेम शरण दास सुजीत कुमार बृजकिशोर सेठ सानू सेठ अजीत सेठ सीता देवी मीना देवी राधिका देवी पार्वती देवी दीपक सेठ प्रेमा देवी आदि ने व्यास पीठ की आरती उतारी ।