राजा कंस को आखिर में भगवान श्री कृष्ण के हाथों से ही मुक्ति मिली.….. आचार्य पूज्य पंडित राधा रमन द्विवेदी

********************************************** भागवत कथा के छठे दिन राज्यमंत्री डा दयाशंकर मिश्र ” दयालु” एव पूर्व मंत्री/ विधायक डा नीलकंठ तिवारी शामिल हुए **********************************************

वॉयस ऑफ बनारस।

वाराणसी। ज्वरहरेश्वर महादेव जैतपुरा स्थित सभागार में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिवस पर सुप्रसिद्ध मानस एवं श्रीमद् भागवत कथा के सुप्रसिद्ध वक्ता पंडित राधा रमन द्विवेदी काशी ने अपने प्रवचन में बताया कि बाल लीला एवं कालिया मर्दन तथा पूतना का वध करके प्रभु श्री कृष्ण ने वृंदावन से मथुरा के लिए गोपियों के लाख मना करने के बाद भी वह मथुरा को चल दिए क्योंकि वहां उन्हें धर्म विरोधी आचरण करने वाले राजा कंस का वध करना था।

भगवान श्री कृष्ण ने भक्ति में लीन महारानी रुक्मणी से पानी ग्रहण संस्कार कर अपना उनसे विवाह करके उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार करके अपने वचनों को उन्होंने उसे निभाया इस अवसर पर कृष्ण राधिका की जय राधा रानी की जय रुक्मणी महारानी की जय तथा हर हर महादेव ज्वरहरेश्वर महादेव के जयकारे से सभागार गुंज उठा।

इससे उपस्थित भक्तगण रोमांचित हो उठे इस अवसर पर व्यास पीठ की आरती अभय स्वाभिमानी ओमप्रकाश जायसवाल प्रभात कुमार राजेश सेठ काशीनाथ जी डॉक्टर अजय जायसवाल जयशंकर गुप्त बृजेश जी छोटेलाल शंभू नाथ पुजारी जयप्रकाश यादव प्रभात जी राजकुमारी सुधा जी अनामिका जी ने व्यास पीठ की आरती उतारी।

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