समाज के स्वस्थ्य स्वरूप को बिगाड़ रही हैं बुराइयां : प्रो. ए.के. त्यागी

************************************************अकादमिक सेल, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा समाज कार्य शिक्षकों हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभांरभ ***********************************************

वॉयस ऑफ बनारस।

वाराणसी। राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से अनुदानित एवं अकादमिक सेल, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा समाज कार्य शिक्षकों हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को शुभांरभ हुआ। आचार्य नरेन्द्र देव समिति कक्ष, केन्द्रीय पुस्तकालय में 31 जनवरी से 2 फरवरी तक आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने किया। कुलपति प्रो. त्यागी ने कहा कि वर्तमान समाज में फैली बुराइयां समाज के स्वस्थ्य स्वरूप को जटिल बनाकर बिगाड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि समाज में सभी को बराबरी का दर्जा मिले, भेदभाव न हो एवं जो वंचित हैं उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल करने पर विशेष ध्यान देना समय की मांग है। आधुनिक समाज की जटिल समस्याओं काे समझकर सामाजिक कार्यकर्ता की तैयारी को नया कलेवर देना होगा।

विशिष्ट अतिथि प्रो. एम.एम. वर्मा, अध्यक्ष, समाजकार्य विभाग ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में समाजिक रक्षा एवं समाजिक न्याय के विषय पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने समाजिक रक्षा की आवश्यकता एवं उद्देश्याें पर विस्तार से प्रकाश डाला। स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम संयाेजक एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अकादमिक सेल के निदेशक डॉ. संदीप गिरि ने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं महत्व को बताया। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से समाज कार्य शिक्षकों काे समाज रक्षा से सम्बन्धित मुद्दों जैसे – ड्रग्स सेवन, मानव तस्करी, भिक्षावृत्ति, बाल वेश्यावृत्ति एवं मानव अंगाे के व्यापार जैसे मुद्दो पर एवं कमजाेर वर्गों के संरक्षण एवं बचाव हेतु समाज कार्य हस्तक्षेप पर विचार मंथनं करना है।

बीज वक्ता गुड़िया संस्थान के गाेपाल कृष्ण ने बताया कि संस्था पिछले 40 वर्षों से मानव तस्करी के विरूद्ध कार्य कर रही है। मानव तस्करी का अर्थ अत्यन्त व्यापक है एवं हर वर्ष एक करोड़ लोग मानव तस्करी के शिकार हाे रहे हैं। उन्होंने मानव तस्करी के विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एन.सी.आर.बी. के अनुसार देश में मानव तस्करी के 40 प्रतिशत अपराधों में ही एफ.आई.आर. दर्ज हो पाते हैं। बताया कि संगठित अपराध एवं मानव तस्करी जैसी गंभीर समस्याओं को नये परिदृश्य में समझना हाेगा तभी मानव तस्करी को राेका जा सकता है।

विषय विशेषज्ञ मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान, लहरतारा के डॉ. भानूजा शरण लाल ने मानव तस्करी के सामाजिक, आथि र्क एवं कानूनी पहलुओं एवं समाज कार्य हस्तक्षेप विषय पर अपना उद्बोधन दिया। तकनीकी सत्र के विषय-विशेषज्ञ प्राे.बी.डी. पाण्डेय, समाजकार्य विभाग ने बच्चाें के अधिकाराें के संरक्षण में सामुदायिक सहभागिता के महत्व विषय पर अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि बच्चाें का स्वस्थ्य विकास एवं संरक्षण किसी भी सभ्य समाज  की पहचान है एवं आज भी देश में बड़ी संख्या में बच्चे गरीबी, अपयार्प्त स्वास्थ्य देखभाल, पोषण की कमी, दूषित पेयजल, आवासहीनता और पयार्वरण प्रदूषण जैसी गंभीर समस्याओं से प्रभावित हो रहे हैं तथा बच्चों के विरूद्ध हिंसा भी हाे रही है। आपने बच्चाें के संरक्षण हेतु एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने के लिए हरसंभव कदम उठाने का आवाहन किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की संयाेजक प्रो. निमिषा गुप्ता, समाज कार्य विभाग ने दिया।

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