वॉयस ऑफ बनारस।
राष्ट्रपिता गांधी जी एवं पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री जी की जयंती पर हुई प्रार्थना सभा
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 155वीं एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 120वीं जयंती के अवसर पर “सर्वधर्म प्रार्थना सभा” कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सबसे पहले मानविकी संकाय में स्थित बाबू कक्ष में कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी की अध्यक्षता में प्रार्थना सभा हुई। इसके बाद गांधी अध्ययन पीठ सभागार में “सर्वधर्म प्रार्थना सभा” आयोजित हुई। कार्यक्रम की शुरुआत महात्मा गांधी जी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. त्यागी ने कहा कि आज मां भारती के दो ऐसे सपुत की जयंती हैं, जिसमें एक ने हमेशा अहिंसा के पथ पर चलने की सीख दी तो दूसरे ने सादा जीवन उच्च विचार के पथ पर जीवन व्यतीत की। कुलपति ने कहा कि काशी विद्यापीठ राष्ट्रपिता के स्वदेशी विचारों पर स्थापित हुई और उन्हीं के विचारों पर विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी तो हमारे पुरातन छात्र रहे। शास्त्री जी ने जीवन के विषम परिस्थितियों में भी अपनी सादगी नहीं छोड़ी।
कार्यक्रम में मंच कला विभाग के विद्यार्थियों ने ‘वैष्णवजन तो तेने कहिए’ की प्रस्तुति दी। इसके बाद विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियो द्वारा धर्मग्रन्थों का पाठ किया गया, जिसमें मौलाना इशरत उस्मानी द्वारा कुरान, फादर माजू मैथ्यू द्वारा बाईबल, संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. दानपति तिवारी द्वारा श्रीमद भगवद्गीता का पाठ किया गया। वहीं, रागी बन्धु, गुरुद्वारा कमेटी लक्सा द्वारा भजन प्रस्तुति दी गई।
इसी क्रम में मंचकला विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा “पायो जो मैने राम रतन धन पायो’ तथा अन्य प्रस्तुतियां तथा अन्त में राम धुन-रघुपति राघव राजा राम की प्रस्तुति हुई। संचालन डॉ. संदीप गिरि एवं धन्यवाद ज्ञापन गांधी अध्ययनपीठ के निदेशक प्रो. एम.एम. वर्मा ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. सुनीता पाण्डेय, कुलानुशासक प्रो. के.के. सिंह, उपकुलसचिव द्वय हरीश चन्द व आनन्द कुमार मौर्य सहित सभी संकायाध्यक्ष, निदेशक, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।